यड्राव स्थित शरद इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के मेकैनिकल इंजीनियरिंग शाखा के छात्र रोहित विद्या लक्ष्मण पाटिल का चयन इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) में वैज्ञानिक के रूप में हुआ है। कठिन परिस्थितियों में इस उपलब्धि को हासिल करने वाले रोहित की हर ओर सराहना हो रही है।
साधारण पृष्ठभूमि से शुरू हुआ असाधारण सफर
मालवे (ता. राधानगरी) के एक साधारण किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले रोहित ने डिप्लोमा की पढ़ाई पूरी करने के बाद शरद इंस्टीट्यूट में इंजीनियरिंग में प्रवेश लिया। परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के बावजूद उन्होंने अपने सपनों को पूरा करने की ठानी।
“कमाओ और सीखो” (Learn and Earn) योजना बनी सहारा
शिक्षा का खर्च कम करने के लिए रोहित ने कॉलेज की “कमाओ और सीखो” (Learn and Earn) योजना के तहत काम किया। लाइब्रेरी में काम करते हुए उन्हें किताबों का शौक हुआ। इस दौरान उन्होंने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी शुरू कर दी। लाइब्रेरी में रात 9 बजे से लेकर परीक्षा के समय आधी रात तक पढ़ाई का मौका मिलता था। इससे उन्हें न केवल इंजीनियरिंग में अच्छे अंक हासिल करने में मदद मिली, बल्कि उनकी पढ़ाई में अनुशासन भी आया।
जिद और मेहनत ने दिलाई सफलता
इंजीनियरिंग पूरी करने के बाद रोहित ने शिरवल स्थित एक कंपनी में नौकरी की, लेकिन उन्होंने अपनी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी जारी रखी। इसके बाद उनका चयन ओएनजीसी (ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन) में असिस्टेंट इंजीनियर के पद पर हुआ। इस दौरान उन्होंने इसरो (ISRO) की परीक्षा भी दी। पहले प्रयास में सफलता नहीं मिली, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी तैयारी जारी रखी। अंततः उनकी मेहनत रंग लाई और उनका चयन इसरो में वैज्ञानिक के पद पर हो गया।
प्रेरणादायक सफर
रोहित की इस सफलता के पीछे कॉलेज के अध्यक्ष डॉ. राजेंद्र पाटिल यड्रावकर, कार्यकारी निदेशक अनिल बागणे, प्राचार्य, लाइब्रेरियन, विषय शिक्षक और परिवार का अहम योगदान रहा।
रोहित का संदेश
“मेरे माता-पिता ने मुझ पर जो भरोसा दिखाया और कॉलेज की ‘कमाओ और सीखो‘ (Learn and Earn) योजना से जो मदद मिली, उसकी वजह से मैं अपनी पढ़ाई पूरी कर सका। लाइब्रेरी में काम करते हुए पढ़ाई और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में बहुत मदद मिली। आज मुझे देश की सेवा करने का मौका मिला है और मैं इसे पूरी ईमानदारी से निभाऊंगा,” रोहित ने अपने अनुभव साझा किए।
अभिनंदन का तांता
रोहित की इस उपलब्धि पर कॉलेज के अध्यक्ष डॉ. राजेंद्र पाटिल यड्रावकर, कार्यकारी निदेशक अनिल बागणे और कॉलेज के पूरे स्टाफ ने उन्हें बधाई दी है।
रोहित का संघर्ष, मेहनत और सफलता हर छात्र के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
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