भारतीय उच्च शिक्षा संस्थानों में शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य सुधार हेतु यूजीसी के दिशा-निर्देश

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राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) के तहत छात्रों के शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी गई है। उच्च शिक्षा संस्थान (HEIs) न केवल शिक्षा प्रदान करने का दायित्व निभाते हैं, बल्कि छात्रों की शारीरिक और मानसिक सुरक्षा सुनिश्चित करना भी उनका उद्देश्य है। छात्रों की सुरक्षा, कल्याण, और समग्र विकास के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

यूजीसी के दिशा-निर्देशों के मुख्य उद्देश्य हैं:

1. शारीरिक फिटनेस और खेल को बढ़ावा देना: छात्रों को नियमित शारीरिक गतिविधियों में शामिल करना।

2. शैक्षणिक और मानसिक दबाव से सुरक्षा: छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य को स्थिर रखने के लिए समर्थन प्रणाली विकसित करना।

3. सकारात्मक सोच और भावनाओं को बढ़ावा देना: छात्रों को आत्मनिर्भर और आशावादी बनाने पर ध्यान केंद्रित करना।

4. सामाजिक और पारस्परिक समर्थन प्रणाली: छात्रों के लिए एक सहयोगी और सहायक वातावरण तैयार करना।

दिशा-निर्देश

1. जीवंत कैंपस जीवन:

छात्रों के लिए शैक्षणिक और सह-पाठ्यक्रम गतिविधियों का आयोजन।

सामुदायिक सेवाओं और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से राष्ट्रीय भावना को प्रोत्साहित करना।

2. छात्र सेवा केंद्र (SSC):

तनाव और भावनात्मक समायोजन से संबंधित समस्याओं के समाधान हेतु केंद्र।

मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों की नियुक्ति।

ऑनलाइन और व्यक्तिगत परामर्श सेवाओं की उपलब्धता।

छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य की निगरानी और सुधार।

3. शारीरिक फिटनेस और खेल:

छात्रों के लिए नियमित व्यायाम और खेल गतिविधियों को अनिवार्य बनाना।

योग और ध्यान को पाठ्यक्रम में शामिल करना।

छात्रों के शारीरिक प्रदर्शन का मूल्यांकन और इसे अकादमिक प्रणाली में शामिल करना।

4. सुधार और पुनर्वास:

छात्रों के व्यवहार परिवर्तन हेतु योग, ध्यान, और परामर्श का उपयोग।

छात्रों की समस्याओं को हल करने के लिए विशेषज्ञों के साथ सहयोग।

5. सुविधाओं का उन्नयन:

अत्याधुनिक जिम और खेल सुविधाओं का निर्माण।

छात्रावासों में आवश्यक खेल और व्यायाम सुविधाओं की व्यवस्था।

6. सामाजिक समावेश और विविधता का सम्मान:

भाषाई, सांस्कृतिक और धार्मिक विविधता को ध्यान में रखते हुए परामर्श सेवाओं की पेशकश।

एलजीबीटी+ छात्रों के लिए विशेष देखभाल।

7. मनोरंजन और साहसिक गतिविधियाँ:

शैक्षिक भ्रमण, साहसिक गतिविधियाँ और स्थानीय खेलों को बढ़ावा देना।

8. मानसिक स्वास्थ्य पाठ्यक्रम:

मानसिक स्वास्थ्य पर विशेष पाठ्यक्रम शुरू करना और छात्रों को इसमें अंक प्रदान करना।

निष्कर्ष

यूजीसी के दिशा-निर्देश उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए छात्रों के समग्र विकास को सुनिश्चित करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है। इन उपायों के माध्यम से न केवल छात्रों का शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य सुधरेगा, बल्कि उनका शैक्षिक प्रदर्शन भी बेहतर होगा। यह आवश्यक है कि सभी उच्च शिक्षा संस्थान इन दिशा-निर्देशों को प्रभावी ढंग से लागू करें और छात्रों को एक सुरक्षित और सहयोगात्मक वातावरण प्रदान करें।

संदर्भ

अधिक जानकारी के लिए यूजीसी की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं: ugc.ac.in

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