भ्रामरी प्राणायाम एक सरल और प्रभावशाली योगिक तकनीक है जो मानसिक शांति और एकाग्रता बढ़ाने में मदद करती है। इसे करने के लिए नीचे दिए गए चरणों का पालन करें:
1. बैठने की स्थिति:
एक शांत और स्वच्छ स्थान चुनें।
सुखासन, पद्मासन, या किसी आरामदायक मुद्रा में बैठें।
रीढ़ सीधी रखें और हाथ घुटनों पर ज्ञान मुद्रा में रखें।
2. सांस लेने की तैयारी:
अपनी आँखें बंद करें और शरीर को पूरी तरह से आराम दें।
कुछ गहरी सांस लें और शरीर को स्थिर करें।
3. हाथों की स्थिति:
अपने दोनों अंगूठों से कानों को हल्के से बंद करें।
बाकी उंगलियों को माथे पर रखें। दो उंगलियां भौंहों के ऊपर और बाकी आँखों पर आराम से रखें।
4. भ्रामरी ध्वनि निकालना:
गहरी सांस लें और साँस छोड़ते समय “म” की मधुमक्खी जैसी ध्वनि निकालें।
यह ध्वनि गले के अंदर से आती है और ध्यान को केंद्रित करने में मदद करती है।
5. दोहराव:
इस प्रक्रिया को 5-10 बार दोहराएं। धीरे-धीरे अपनी सांसों को सामान्य करें और शरीर में शांति का अनुभव करें।
6. समाप्ति:
हाथों को वापस घुटनों पर लाएं।
आँखें धीरे से खोलें और शरीर को सामान्य स्थिति में आने दें।
लाभ:
मानसिक तनाव कम करता है।
ध्यान और स्मरण शक्ति को बढ़ाता है।
मन को शांत और स्थिर बनाता है।
अनिद्रा और बेचैनी को कम करता है।
नोट: भ्रामरी प्राणायाम सुबह या शाम के समय, खाली पेट करना सबसे अच्छा होता है। यदि आपको कोई स्वास्थ्य समस्या है, तो इसे करने से पहले विशेषज्ञ से सलाह लें।
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